Friday, August 14, 2020

Kashmir

 



।।  कश्मीर ।।

 

एक रूह हो तुम कश्मीर

वैसी,

जिस को जिस्म की ज़रूरत नहीं।

एक शांत म्लान सी

जैसे,

एक निद्रा से उठती गिरती विरहन।

कही तो एक ध्वनि भी हो

जिसको,

खामोशी के हर सुर की मदहोशी हो।

सदियो का दास्तान हो

जो

एक रात मे ठहरी हो।

बाहो मे झेलम हे तेरे

जिस मे

मेरे दुआ का अक्स दिखता हे।

मुझे भी सलाम देने कल

मेरे दोस्त मेरे साथी

तू भी कश्मीर चले आना।


Thursday, August 06, 2020

मेरा लाल रंग ।




मेरा लाल रंग ।

 

ईश्वर के जैसे अंगिनत है नाम

लाल के भी है रूप हज़ार ।

दुल्हन की वो बिंदिया लाल

माथे पे विजयी तिलक है लाल

सूरज की लाली भी लाल­

मुसकुरातें तेरे होठ भी लाल

प्यार का रंग रूप है लाल

इंद्रधनुश का वो लाल कमान

रोती अंखियन की डोरी लाल

देह से बेहता खून है लाल

पर सब से लाल है जीवन मेरा

जिस मे रंग भरा नफरत का लाल ।